मंगलवार, 16 अक्तूबर 2007

बब्बर शेर - 02

चांद सा खूबसूरत है चेहरा तेरा
चांद सा खूबसूरत है चेहरा तेरा
,
और तेरे चेहरे का पिम्पल
चान्द का दाग है।

ना हो सका उसके क़द का अंदाजा
ना हो सका उसके क़द का अंदाजा,
वह नाटी थी, मगर हिल का सैंडल
पहनती थी।

सिर्फ हंगामा खड़ा करना ही मेरा मकसद है,
मेरी कोशिश है कि पुरी कवरेज मिलनी चाहिय ,
टीवी एफेम पर नहीं तो अखबारों मे ही सही
हो कैसे भी नाम लेकिन नाम होना चाहिय।

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

:) बहुत सही. मिलेगी कवरेज जरुर.

आशीष कुमार 'अंशु'

आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम